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दूर हुई रिक्शा चालकों के बुढ़ापे की चिंता

Posted on 16th March 2013 in Dainik Jagran
Ferozpur Edition, Page 4

फाजिल्का : रिक्शा चालकों का जीवन स्तर सुधारने के लिए प्रयासरत ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन ने राज्य में रिक्शा चालकों को नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत ला उनके बुढ़ापे की चिंता दूर करने की पहलकदमी की है। असंगठित वर्ग के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत फाजिल्का में एसोसिएशन से संबंधित करीब 250 रिक्शा चालकों को नेशनल पेंशन स्कीम में खाते खुलवाए जा रहे हैं। जारी वित्त वर्ष यानी 31 मार्च तक 25 रिक्शा पुलर के खाते खोले जाएंगे।
क्या है योजना, कैसे है कारगर
एक रिक्शा चालक के लिए पेंशन महज एक अंग्रेजी शब्द है क्योंकि उसका सरकारी मुलाजिम की तरह पीएफ या सीपीएफ नहीं कटता। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अनआर्गेनाइज सेक्टर यानी रिक्शा पुलर या छोटा-मोटा काम करने वाले लोगों के लिए चलाई गई नेशनल पेंशन स्कीम में यह सुविधा है। अगर एक रिक्शा चालक प्रतिमाह मात्र 84 रुपए की सेविंग कर सालाना हजार रुपए की किश्त एनपीएस खाते में भरता है तो उतना ही पैसा सरकार जमा करवाएगी। सरकारी मुलाजिम की तरह ही साठ वर्ष आयु तक ब्याज सहित एकत्रित होने वाली राशि के आधार पर सरकार कम से कम एक हजार रुपए प्रतिमाह या ज्यादा जमा राशि पर उससे ज्यादा पेंशन देगी।
मिलेंगे और ढेरों लाभ
फाजिल्का: रिक्शा पुलर के एनपीएस खाते खुलवा रहे ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा ने बताया कि केंद्र सरकार ने रिक्शा पुलर को सस्ती दरों पर मकान देने, कम ब्याज पर कर्ज देने, स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने जैसी अनेक योजनाएं बनाई हैं। लेकिन रिक्शा पुलर की कोई पहचान नहीं है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए कोई भी थोड़े समय के लिए रिक्शा पुलर बन सकता है जिससे योग्य पात्रों को लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन एनपीएस खाता होने से रिक्शा पुलर को विशिष्ट पहचान मिलेगी, जिसके आधार पर उसे केंद्र की उक्त योजनाओं का लाभ मिलेगा। वहीं आधार कार्ड में एनपीएस के कारण रिक्शा पुलर दर्ज होने पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली कैश सब्सिडी योजना का लाभ भी मिलेगा।


http://navdeepasija.blogspot.in/2013/03/blog-post.html

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